एक दिन मैं अपने जीवन के सपने देख रहा था। वो सपना बस सच होने वाला ही था। लोग मुझे पे हं एक दिन मैं अपने जीवन के सपने देख रहा था। वो सपना बस सच होने वाला ही था। लोग म...
सम्पूर्ण घटना सत्य है । सिर्फ पात्र का नाम परिवर्तित कर दिया हूं । सम्पूर्ण घटना सत्य है । सिर्फ पात्र का नाम परिवर्तित कर दिया हूं ।
मगर शमीम भाई, उनके पापा की छत्रछाया उन पर नहीं रह गई हैं। मगर शमीम भाई, उनके पापा की छत्रछाया उन पर नहीं रह गई हैं।
आज आजादी का जश्न भी मानते हैं.. पर क्या सच में हम आजाद हैं! आज आजादी का जश्न भी मानते हैं.. पर क्या सच में हम आजाद हैं!
मेरा तो पूरा शरीर ही बदसूरत और मोटा है, लोग मेरी ओर देखना भी पसंद नहीं करते मेरा तो पूरा शरीर ही बदसूरत और मोटा है, लोग मेरी ओर देखना भी पसंद नहीं करते